आज मैं आपको एक राजा की कहानी बताऊंगा जिसके पास बहुत सारा पैसा था लेकिन राजा के घर में कोई नहीं था उसके पैसे का फल उठा सके। राजा जीवन भर बहुत पैसा कमाया लेकिन राजा के परिवार में ऐसा कोई नहीं था जो राजा के कमाए हुए पैसे का फल उठा सके। राजा अपने माता पिता के एकलौती संतान थे राजा का विवाह भी नहीं हुआ था।
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राजा ने जीवन भर बहुत पैसा कमाया लेकिन उसके परिवार में कोई ना होने की वजह से राजा जीवन भर इसी चिंता में डूबा रहता है इस पैसे का क्या करू जब मेरे परिवार में कोई है ही नहीं जो इस पैसे का लाभ उठा सके। और राजा हमेशा इसी चिंता में डूबा रहता है मैं इतना पैसा तो कमा लिया हु अब इस पैसे करूँगा क्या इस पैसे का होगा क्या इसी चिंता में राजा का पूरा दिन निकल जाता है।
और ऐसे ही परेशान रहते रहते बहुत से साधु और महात्माओ से मिलते रहते थे और पूछते रहते थे की मेरे पास बहुत पैसा है लेकिन मेरे खुसी नहीं है ऐसा क्या करू की मैं खुश रह पाऊ। तो एक महात्मा जी उन्हें बताया की एक छोटे से गाव में उस गांव के बहार एक जंगल है वह पर एक बाबा जी रहते है वो आपको विचित्र ढंग से समझा देंगे की जीवन में खुश कैसे रहा जाए।
राज उस गाव में जाता है और गाओ में पहुंच कर गांव वालो से उस बाबा के बारे में पूछते है तो गांव वाले कहते है की वो सामने जंगल में बाबा जी बैठे रहते है अगर बाबा ध्यान में हो तो उन्हें परेशान नहीं करना अगर ध्यान में ना बैठे हो तो आप जाकर बात कर लीजियेगा। राजा जंगल की ओर जाता है।
राज बाबा से मिलने एक बैग लेकर जाए है उस बैग में राजा ने अपने जीवन भर का कमाया हुआ पैसा सोना सब रखा हुआ था और बाबा के पास पहुंच कर राजा कहते है की बाबा मेरे पास बहुत पैसा सोना चांदी है लेकिन मेरे पास ख़ुशी नहीं है मुझे ऐसा ज्ञान दीजिये जिससे मैं खुश रह सकू।
बाबा जी ने राजा की सारी बात सुनी और फिर अचानक बाबा जी खड़े हुए और राजा बैग लेकर गांव की तरफ तेजी से भागने लगे। राजा को तुरंत तो कुछ समझ में नहीं आया लेकिन बाबा को बैग लेकर भागते देख राजा को समझ आया बाबा बैग चुरा कर भाग रहे है राजा ने कहने लगे की ये बाबा तो चोर निकले बेईमान निकले मेरा बैग चुरा कर भाग रहे है।
और राजा भी बाबा जी के पीछे जोर से भागने लगे बाबा उस गांव में पहुंच कर पुरे गांव में भागने लगे राजा भी बाबा के पीछे पीछे भाग रहे थे राजा को बाबा के पीछे भागता देख गांव वाले समझ गए बाबा इस राजा को विचित्र ढंग से समझाने वाले है इसलिए वालो ने कुछ नहीं किया। बाबा पुरे गांव में भागते रहे राजा उस बाबा के पीछे भाग रहे।
बाबा गांव से निकलकर फिर जंगल की ओर भागना शुरू कर दिया राजा ने बाबा को फिर से जांगले की ओर भागता देख ये तो समझ आ गया अब मुझे मेरा बैग नहीं मिलने वाला है राजा के बैग के जाने से बहुत दुखी था क्योकि राजा ने अपनी पूरी जीवन की कमाई उस बैग में रखा था।
राजा फिर जांगले में उसी स्थान पर पहुँचता है जहा पर बाबा के बैठने का स्थान हुआ करता है वह पर पहुंच कर राजा जैसे विश्राम करने के लिए बैठते है देखते है की सामने झाडी पर बैग रखा हुआ है लेकिन बाबा जी कही नजर नहीं आ रहे है। राजा तुरंत दौड़ के जाता है और उस बैग को उठाकर गले से लगा लेता है और बहुत खुश होता है की मेरा बैग मुझे वापस मिल गया।
बैग मिलने के बाद राजा ने कहा भगवान मैं दुनिया का सबसे सुखी इंसान हु। इस वक्त मुझसे खुश कोई नहीं है। आपने मेरी कमाई वापस कर दी नहीं आज मैं लूट गया था मैं बर्बाद हो जाता आज मुझे ये बैग मिल गया आज मैं बहुत खुश हु। बाबा जी वही झाडी के पीछे छिपे हुए थे बाबा जी निकलकर आते है कहते है हो गया ना खुश मिल गयी ख़ुशी अब तुम सबसे सुखी इंसान बन गए।
ये बहुत छोटी सी कहानी है लेकिन बहुत बड़ी बात बताती है की इंसान के पास जो कुछ भी उसकी कद्र नहीं है उस चीज के खो जाने या चले जाने से हमें उस चीज की अहमियत का पता चलता है। इसलिए आपके पास जो कुछ भी है उसमे खुश रहना चाहिए।
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