ये कहानी एक ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी की है जो की बड़ा ही नेक दिल इंसान था उसी की ये कहानी है। जो सबका ख्याल रखता था इंसान हो या जानवर सभी का ध्यान रखता था। ऑफिस में सब उससे खुश रहते थे बड़ा ही अच्छा इंसान था। यहाँ तक की उससे अडोसी पडोसी सभी खुश रहते थे सबका ख्याल रखने वाले जो लोग होते है ये शख्स भी उनमे से एक था।
Motivational Story #4
इस इंसान की एक आदत थी जब भी वो ऑफिस से घर जाता था तब डिनर करने के बाद में कुछ बिस्कुट के पैकेट अपने हाथ में लेता और बहार जाता और बहार गली में जो कुत्ते के बच्चे होते थे उनको ये बिस्कुट खिलता था। और ये रोज़ाना करता था कुत्ते के बच्चे को बिस्कुट खिलाना इसकी हैबिट बन चुकी थी।
एक दिन ऑफिस में आने में लेट हो जाता है ऑफिस से घर आते समय ये सोचने लगता है की कुत्ते के छोटे छोटे बच्चे मेरा इंतजार कर रहे होंगे। घर पंहुचा तो पत्नी ने कहा की पहले खाना लो फिर जाकर कुत्ते के बच्चो को बिस्कुट खिला देना। लेकिन उस आदमी ने कहा की नहीं नहीं पहले मैं बिस्कुट खिलाकर आता हु फिर मैं खाना खाऊंगा।
पत्नी बिस्कुट का पैकेट लाने किचन में गयी तो देखा की बिस्कुट तो ख़तम हो गए है और देर इतना हो चूका था की आस पास कोई दुकान भी नहीं खुली थी। ये सोचकर वो आदमी चिंता में पड़ गया की क्या करे आज तो वो कुत्ते के बच्चे भूखे सो जायँगे। उसकी पत्नी ने कहा की कोई बात नहीं एक दिन से क्या फर्क पड़ता है चलो हम लोग खाना खाते है।
लेकिन पति खाना खाने को तैयार नहीं उसने कहा ढूढो कुछ न कुछ तो होगा खाने के लिए तो पत्नी ने काफी ढूँढा तो सात आठ बिस्कुट मिलते है तो वो आदमी कहता है की साथ आठ बिस्कुट में कुछ होगा भी नहीं सबके हिस्से में एक एक बिस्कुट आएगा सबका पेट भी नहीं भरेगा। लेकिन फिर आदमी कहता है लाओ जो है वो लाओ मैं जाकर ये बिस्कुट सभी को खिलाकर आता हु।
बिस्कुट लेकर बहार गया तो देखा की कुत्ते के सारे बच्चे जा चुके थे क्योकि देर इतनी चुकी थी सिर्फ एक बच्चा बैठा हुआ था। उस आदमी ने उस बच्चे के सामने जाकर वो सात आठ बिस्कुट रख दिए और ये बिस्कुट खाकर उसका पेट आराम से भर गया। वो कुत्ते का बच्चा बड़ा ही खुश होता हुआ वहा से चला गया।
और जब ये आदमी घर की ओर वापस आ रहा था तो सोच रहा था की हम इंसानो के साथ भी यही होता है। हम जो मांगते है वो नहीं मिलता है तो उदास होकर निकल लेते है कई बार ऊपर वाले कोसने लगते है ये बोलकर की मेरा काम नहीं किया मेरी बात नहीं सुनी हम भूल जाते है की प्रतीक्षा करना भी बहुत जरुरी होता है।
वो जो एक कुत्ते का बच्चा जो इंतजार कर रहा था उसे भरोसा था की जो आता है हमें रोज खिलाने वो आएगा और बिस्कुट लेकर के आएगा और वो आदमी भी बिस्कुट लेकर भी गया और उसी के हिस्से में आया जिसने इंतजार किया और उसका पेट भी भर गया। बहुत ही छोटी सी कहानी लेकिन बहुत कुछ सीखा जाती है।
इस कहानी से हमें ये सिखने को मिलता है की ज़िन्दगी में सब्र करना भी आना चाहिए। अच्छा समय चल रहा है तो शुक्र कीजिये और अगर बुरा समय चल रहा है तो थोड़ा सा सब्र कीजिये। अगर आपने सब्र किया तो आपको ज़िन्दगी में सबकुछ मिलेगा।
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