14 April 1912 का दिन इतिहास के पन्नो पर लिखा गया है जिसकी याद आज भी लोगो को डरा देती है उस दिन समुन्द्र के बीचोबीच एक ऐसा हादसा हुआ जिसमे 1500 से ज्यादा लोगो ने अपनी जान गवा दी थी। ये कहानी है टाइटैनिक के हादसे के बारे में कहने को तो इस हादसे को 1 सदी से भी ज्यादा का समय बीत चूका है लेकिन आज भी लोग इस हादसे को भुला नहीं पाए है।
Titanic Will Return
एक तरफ लोग इस हादसे को नहीं भुला नहीं पाए है वही दूसरी तरफ एक और टाइटैनिक जहाज बनने जा रहा है। जिसका नाम Titanic-2 रखा गया है। पर क्या ये जहाज सफल हो पाएगा क्या एक बार फिर से दुनिया इस जहाज पर फिर से भरोसा कर पाएगी। आखिर कौन बना रहा है ये जहाज मैं आपको इसी के बारे में बताऊंगा।
आखिर कौन बना रहा है Titanic-2
साल 1912 के इस हादसे के बाद ऑस्ट्रेलिआ ने माइनिंग बिलिनेयर और वहा के फॉर्मर एम पी क्लीव पाल्मर एक नए टाइटैनिक जहाज यानी की एक क्रूज़ शिप बनाने की तैयारी कर रहे है। और इस जहाज को टाइटैनिक-2 का नाम दिया गया है। इस जहाज के लिए टेंडर दिए जाने का काम भी शुरू हो चूका है।
क्लीव पाल्मर ने 30 अप्रैल 2012 में Titanic-2 बनाने की घोषणा की थी खबरों के मुताबिक ये भी कहा जा रहा है की इस जहाज को भी उसी रुट पर चलाया जायगा जहा पर पहला जहाज डूबा था। आपको बता दे की ब्लू स्टार कंपनी ने साल 2016 में इस जहाज के लांच को लेकर घोषणा किया था।
लेकिन बाद में ये प्लान पोस्टपोन हो गया लेकिन दुबारा से साल 2018 में इसे लांच करने की घोषणा की गयी थी। पर ये लांच भी नहीं हो पाया। पहले टाइटैनिक का क्या हुआ ये पूरी दुनिया जानती है ऐसे में ये सवाल आता है की ये दूसरा जहाज टाइटैनिक क्यों बनाया जा रहा है। आपको बता दे की इस दूसरी टाइटैनिक को पहले टाइटैनिक को ट्रिब्यूट देने के लिए ही बनाया जा रहा है।
कैसा था टाइटैनिक जहाज
टाइटैनिक अपने समय का सबसे बड़ा और आलिशान जहाज था इस जहाज को बनाने का जिम्मा वाइट स्टार लाइन कंपनी ने लिया था जो की एक ब्रिटिश शिपिंग कंपनी थी। इस जहाज को तैयार करने के लिए 3000 हजार से भी ज्यादा वर्कर्स एक साथ काम करते थे। ज्यादा अच्छी टेक्नोलॉजी ना होने के वावजूद एक अच्छी शिप बनाना बहुत मुश्किल था।
इस जहाज बनाए समय 9 मजदूरों ने अपनी जान गवा दिया था और 40 से ज्यादा मजदूर घायल हो गए थे। इस जहाज को बनाने में लगभग 50 करोड़ से ज्यादा का खर्चा आया था। टाइटैनिक की लम्बाई 269 मिटेर थी इस शिप पर लगभग 3300 लोग एक बार में ट्रेवल कर सकते थे। इस जहाज को बनाने में 2 साल से जायदा का समय लग गया था।
इस जहाज का निर्माण 31 मार्च 1909 को शुरू हुआ था और ये 31 मई 1911 को इस शिप का निर्माण पूरा हो गया था। जिस वक्त ये जहाज तैयार हुआ था उस समय लोगो को इस जहाज को देखने का काफी क्रेज था। इसके पूरा होने के बाद इस जहाज को देखने लगभग 1 लाख से ज्यादा लोग आये थे।
टाइटैनिक शिप जब बनकर तैयार हुआ था तब इसका प्रचार इस हिसाब से किया गया था की ये जहाज जभी कभी डूब नहीं सकता है। इस जहाज को इस तरीके से बनाया गया था की ये जहाज कभी डूब नहीं सकता था। लेकिन इस टाइटैनिक जहाज की किस्मत ख़राब थी की ये जहाज डूब गया।
आखिर कैसे डूब गया टाइटैनिक जहाज
टाइटैनिक जहाज के लांच से पहले ही इस जहाज को समुन्द्र की महारानी कहा जाने लगा था। 10 अप्रैल 1912 को टाइटैनिक जहाज साउथ हैटन के बंदरगाह से से रवाना हुई थी इस जहाज में 2200 से ज्यादा लोग सवार थे इनकी मंजिल लगभग 5500 किलोमीटर दूर अमेरिका का न्यूयोर्क शहर था।
लेकिन सफर की शुरुआत में टाइटैनिक एक बड़े से बर्फ की चट्टान से टकरा जाती है। इस हादसे में 1500 से ज्यादा लोग मारे गए थे। और जब टाइटैनिक जहाज डूबा तब लोगो को बहुत हैरानी हुई क्योकि इस जहाज को लेकर बहुत बड़े बड़े दावे किये गए थे। इस जहाज को खतरे से बचने के लिए बिसिल तक लगाई गयी थी जो 15 किलोमीटर दूर सुनी जा सकती थी। लेकिन इतनी सावधानी के बावजूद भी टाइटैनिक जहाज डूब गया था।
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